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Hindi Translation of the Presidential Address

अध्यक्ष का संबोधन - दिसंबर के स्नातकों के लिए 2019 मान्यता आयोजन

Martha E. Pollack, अध्यक्ष के द्वारा

जैसा कि वितरण के लिए तैयार किया गया है
शनिवार, 31 दिसंबर, 2019                                                       
Barton Hall
Ithaca, न्यू यार्क

नमस्ते परिवारों, नमस्ते मित्रों और नमस्ते स्नातकों!

आप सब को बधाइ हो!

कुछ भी और कहने से पहले, मैं अपने स्नातकों से खड़ा होने के लिए कहना चाहती हूँ। क्या आप सभी कृपया खड़े हो सकते हैं?

और अब मैं चाहूँगी कि आप मुड़ें, अपने परिवार जनों और अपने मित्रों और उन सभी लोगों को तलाशें जो यहाँ आपका समर्थन करने के लिए आए हुए हैं, और हाथ हिलाकर उन्हें धन्यवाद अदा करें!

दिसंबर की उपाधि-प्राप्ति का यह एक खास फायदा है - हमारे स्नातक वास्तव में उन लोगों को देख सकते हैं, जिनके लिए वे हाथ हिलाकर पुकार रहे हैं।

दिसंबर की उपाधि-प्राप्ति सचमुच में वर्ष के मेरे पसंदीदा आयोजनों में से एक है। और इसके कुछ कारण हैं। प्रथम, चूँकि Cornell की आम उपाधि-प्राप्तियों के मुकाबले यह छोटी होती हैं – मई में लगभग 5500 के बरअक्स केवल तकरीबन 400 स्नातक हमारे पास होते हैं। दूसरा, यह समारोह अंदर आयोजित किया जाता है। हमें छातों, सनस्क्रीन या छाँव के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती; कमेंसमेंट कार्यालय को मौसम की योजना के बारे में नहीं सोचना पड़ता है; और मुझे इस बात की चिंता नहीं रहती कि आपको संबोधित करते समय में भीग के तर हो जाऊंगी।  और सबसे अच्छी रही तो यह कि मैं आप सभी को देख सकती हूँ और जब डिग्रियों को प्रदान करने का समय आएगा तो मैं प्रत्येक से हाथ मिला सकूंगी।

अगर हम यही काम मई के कमेंसमेंट में करते हैंः 5500 स्नातकों के साथ, प्रति व्यक्ति से हाथ मिलाने में 6 सेकंड की दर से, तो हम नौ घंटों से थोड़ा अधिक समय तक डिग्रियाँ प्रदान करते रह जाएंगे। और बस कल्पना कीजिए उस स्थिति को जहाँ डिप्लोमा बांटते समय हम महज़ एक नाम वाले लिफाफे को बिना क्रम के, बॉक्सों से निकाल दें।

मैं अढ़ाई वर्षों से Cornell की अध्यक्ष हूँ और यह मेरी छठवीं कमेंसमेंट है - यानि मेरा छठवां कमेंसमेंट संबोधन। अपना पहला भाषण देने से पहले, मैंने अपने नए सहकर्मियों से यूँ ही एक बिल्कुल अवैज्ञानिक पूछताछ की थी जिससे मुझे यह पता चला – और यह संभवतः बहुत अधिक हैरत में डालने वाली बात नहीं होनी चाहिए – अधिकांश लोगों को कुछ भी याद नहीं था कि उनके कमेंसमेंट वक्ताओं ने क्या कहा था। हालांकि शुरु में मुझे इस बात से सांत्वना मिली, कुछ समय बाद मैंने इसे चुनौती के रूप में देखना शुरू कर दिया। आखिरकार, मोटे तौर पर 1,680 व्याख्यानों से जुड़ी विश्वविद्यालय की शिक्षा की समाप्ति के समूचे बिंदु में व्याख्यान संख्या 1,681 के साथ कोई तो नया ज्ञान जुड़ा रहना चाहिए। अगर यह किसी को याद न रहे, तो इसका फायदा ही क्या है?

अतः अच्छे विद्वानों की तरह, मैंने भी इस बारे में अपना शोध किया कि भाषण को उसके श्रोताओं में गुंजायमान कराने का क्या रास्ता है।

कुछ वर्ष पहले, टेक्सास विश्वविद्यालय प्रणाली के Admiral William H. McRaven ने हम लोगों के लिए असंभव रूप से उच्च पैमाना निर्धारित कर दिया – इन शब्दों के साथ “अगर आप दुनिया को बदलना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत अपना बिस्तर बनाने से करें”।  इस व्याख्यान को यूट्यूब पर कुल एक करोड़ लोगों ने देखा है और मैं जानना चाहूंगी कि कितने लोगों ने तबसे आज तक कितने बिस्तर ढंग से बनाए गए होंगे। (अनुमान लगाना हो तो मैं कहूंगी बिस्तर कम और यूट्यूब दर्शक ज्यादा।)

24 वर्ष पहले न्यूयार्क टाइम्स के दिवगंत स्तंभकार Russell Baker ने Connecticut कॉलेज के स्नातकों की कक्षा के समक्ष खड़े हुए और संसार में निकलने के बारे में दो ्दों की सलाह दी थी: “मत जाएँ।”

स्नातक तो हँस पड़े, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि Connecticut कॉलेज के अध्यक्ष झेंप गए होंगे। हम अध्यक्ष चाहते हैं कि हमारे स्नातक वास्तव में कॉलेज से होकर दुनिया में निकलें ।

मैंने जल्द ही देखा कि सबसे यादगार व्याख्यान वे होते हैं जिनका सबसे सरल संदेश होता है। अपना बिस्तर बनाएं। सनस्क्रीन लगाएँ। कभी भी हार न मानें। व्याख्यान तैयार करने का यह उपयोगी औजार हैः आप एक आदेशक के माध्यम से अनेक चीज़ें कह सकते हैं। कुछ माह पहले, नए विद्यार्थी के दीक्षांत समारोह में, मैंने अपनी नई कक्षा से कहा कि एक-दूसरे से बात करने व नई दोस्ती बनाने का नुक्ता बनाएं। मैंने उन्हें अंतरों को गले लगाने और नए अनुभवों के प्रति खुले रहने के लिए कहा। मुझे यह तो नहीं पता कि उन्हें मेरे कहे में से क्या याद है, लेकिन मैं जानती हूँ कि वे यह याद रखेंगे कि ऐसा करने के लिए मैंने उनसे कैसे कहा: अपने हेडफोनों को उतारकर। (अगर आप हैरत में हैं कि मुझे यह कैसे पता है - तो यह इसलिए कि इस सेमेस्टर के दैरान जब मैं परिसर में टहलती थी तो हफ्ते में कम से कम एक बार, कोई न कोई मेरा ध्यान खींचकर अपने कानों की ओर इशारा करके मुझसे कहता “देखो! कोई हेडफोन नहीं!”)

लेकिन हमारे इस विश्व का मुश्किल सत्य तो यह है कि हमारे पास ऐसी ढेर सारी अर्थपूर्ण सलाह है ही नहीं जो वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति पर और हरेक स्थिति में लागू होने योग्य हो। अपना बिस्तर बनाएं? ऐसे अनेक लोग हैं जिन्होंने इस काम को एक भी बार किए बिना विश्व को बदल डाला। सनस्क्रीन लगाएँ? इस पर शोध उतना स्पष्ट नहीं है। कभी भी हार न मानें? श्री चर्चिल के प्रति समुचित सम्मान के साथ, कई बार जीवन में हमारे लिए सबसे बेहतर होता है कि हम इसे स्वीकार कर लें कि हम गलत थे, उससे सीखें और आगे बढ़ चलें। “अपने हेडफोनों को उतार ले” के पक्ष में तो मैं अवश्य हूँ, लेकिन हर चीज़ का समय और स्थान होता है। अगर सुबह में परीक्षा हैं, और आप चाहते हैं कि लोग आपको अकेला छोड़ दे, तो हेडफोन लगाकर रखना ही ठीक होगा। (हालांकि अब आप में से किसी के भी पास अब यह बहाना नहीं रह गया।)

Cornell  में आपने जो भी पढ़ाई की, मैं आशा करती हूँ कि आपने यह समझ लिया कि जिस विश्व में हम रहते हैं वह जटिल है। हमारे अनुभव विशिष्ट हैं, हमारे रास्ते भिन्न होंगे और एक व्यक्ति का उत्तर दूसरे व्यक्ति का प्रश्न बन जाएगा। अतः कोई एक सलाह ऐसी नहीं है जो आप सभी पर लागू होगी, जो उन सारे चीज़ों को आगे बढ़ाएगी जिन्हें आपने Cornell में सीखा है और जिसे आप इन दरवाजों से बाहर आ जाने पर भी शायद याद रखेंगे।

लेकिन अगर ऐसा कोई एक शब्द है, आप सभी के लिए एकमात्र कोई एक लाज़िमी, Cornell को छोड़कर दुनिया में पाँव रखते समय – तो यह वही शब्द है जिसे आपकी पहले ग्रेड की शिक्षिका ने संभवतः उपयोग किया होगा और जिसे आपने शायद अपने पहले पुस्तकालय की दीवार पर लगे पोस्टर पर देखा होगा।

एक शब्दः

पढ़ें।

किताबें पढ़ें। उपन्यास पढ़ें। इतिहास पढ़ें। लंबे स्वरूप की पत्रकारिता एवं कविता व जीवनियों को पढ़ें।

महज समाचारों या अकादमिक पत्र-पत्रिकाओं या संक्षेप में कानून अथवा शोधपत्रों को ही नहीं पढ़ें। निश्चित रूप से, सिर्फ अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम फीड्स को ही नहीं पढ़ें।

ऐसी चीज़ें पढ़ें जिनमें आप खो जाएं। मनपसंद चीजों को पढ़ें। आपको खुश करने वाली चीज़ों को पढ़ें और वह पढ़ें जो आपको एहसास कराती हो। अपने विश्व के बारे में जानते रहने के लिए पढ़ें - और ऐसे विश्व में प्रवेश करने के लिए पढ़ें जो दूसरों की हो।

किताबें, जैसा कि स्टीफेन किंग ने पेश किया, एक खास किस्म का वहनीय जादू हैंः दूरी और समय को काटने वाला टेलीपैथी। यह मुझे और यहाँ, और अब, और किसी से, कहीं पर भी, किसी भी समय जोड़ने का तरीका है। यह उन लोगों के दिमाग और आत्मा में झांकने का तरीका है, जिन लोगों से आप कभी नहीं मिले हैं - यहाँ तक कि वे लोग भी जिनका कभी अस्तित्व ही नहीं रहा।

और वे तरीका है – शायद वह एकल तरीका - किसी दूसरे की आँखों से दुनिया पर दृष्टिपात करने का। वह दुनिया देखने के लिए जो आपसे भिन्न कोई और देखता हो।

मैं आशा करती हूँ कि आप में से सभी ने Cornell में यह करना जरूर सीखा है - भिन्न दृष्टिकोण से चीजों को देखना। आप चाहे यहाँ दो वर्षों से या चार वर्षों से या इससे अधिक समय से हों - आपने बस ज्ञान ही हासिल नहीं किया, बल्कि आपने यह भी सीखा कि कैसे सीखी जाए।  आपने बस दोस्त नहीं बनाए, आप खुद दोस्त बने । आपने केवल भिन्न प्रकार के लोगों से मुलाकात नहीं की - बल्कि आपने भिन्नता का अर्थ समझा। आप विविधता व जिज्ञासा, प्रयोग एवं संधान की उत्सुकता से भरे समुदाय में रहने आए। आपने सिर्फ ज्ञान की ही नहीं, वरन ज्ञान की खोज में घुमावदार मार्गों की भी कद्र करना सीखा। और मैं आशा करती हूँ Cornell के अपने समय में आप सब ने एक कौशल अवश्य विकसित की, जो आज के इस विश्व में पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है:  किसी व्यक्ति और किसी अध्ययन से सीखना।

जब मैं आपसे पढ़ने के लिए कहती हूँ तो इससे मेरा तात्पर्य है कि आप सत्य को तलाशें, ज्ञान की कद्र करें, विविधता को गले लगाएँ और अंतरों को पाटें – ताकि कल, और परसों और उसके बाद हर रोज़ आप Cornell की प्रकृति को आगे बढ़ा सकें।

अतः - पढ़ें।

यह समझने के लिए पढ़ें कि दुनिया में ऐसा क्या है जिसे आप देख नहीं सकते हैं, स्पर्श नहीं कर सकते हैं, खुद से अनुभव नहीं कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो Cornell की शिक्षा जिसकी आपने यहाँ शुरुआत की, वह सच्चे अर्थों में कभी समाप्त नहीं होगी।

अपना गाउन लौटाते समय, अपार्टमेंट का सामान बाँधते समय, Cornell की अपनी अंतिम आइसक्रीम खाते समय, और आगे की तरफ बढ़ते समय - आप जहाँ कहीं भी जाते हैं, याद रखें कि आपने यहाँ Ithaca में क्या सीखा है।

और पुस्तक साथ ले आना न भूलें।

आप सभी को शुभकामनाएं। Cornell सदैव आपका अंग बना रहेगा, ठीक वैसे ही जैसे आप सदैव Cornell का अंग बने रहेंगे।